राजस्थान की चित्रकला (Painting of Rajasthan)-
- राजपूत चित्रकला (Rajput Paintings)
- राजपूत कला (Rajput Art)
- राजस्थानी चित्रकला (Rajasthan Paintings)
- Rajput Paintings
- जिनभद्र सूरि भंडार" (Jinbhadar Suri Bhandar)
- राजस्थान की चित्रकला का भौगोलिक एवं सांस्कृतिक आधार पर विभाजन (Division of Painting of Rajasthan on Geographical and Cultural Basis)
- राजस्थानी चित्रकला की विशेषताएँ (Features of Rajasthani Painting)
राजपूत चित्रकला (Rajput Paintings)-
- आनन्द कुमार स्वामी (Anand Kumar Swami), O.C. Ganguli गांगुली (O.C. Ganguli) व हैवेल (Havel) ने राजस्थान की चित्रकला को "राजपूत चित्रकला" (Rajput Paintings) कहा था।
राजपूत कला (Rajput Art)-
- W.H. Brown ने राजस्थान की चित्रकला को "राजपूत कला" (Rajput Art) कहा था।
राजस्थानी चित्रकला (Rajasthan Paintings)-
- रायकृष्ण दास ने राजस्थान की चित्रकला को "राजस्थानी चित्रकला" (Rajasthani Paintings) कहा था।
Rajput Paintings-
- 1916 ई. में आनन्द कुमार स्वामी ने "Rajput Paintings" नामक पुस्तक लिखी थी।
- Rajput Paintings नामक पुस्तक में राजस्थान की चित्रकला का वैज्ञानिक विभाजन किया गया था।
जिनभद्र सूरि भंडार" (Jinbhadar Suri Bhandar)-
- जैसलमेर के जिनभद्र सूरि भंडार में जैनो की पुरानी पुस्तकें रखी गयी है।
- राजस्थान के प्राचीन चित्रित ग्रंथ जैसलमेर के "जिनभद्र सूरि भंडार" (Jinbhadar Suri Bhandar) में रखे गये है। जैसे-
- (I) ओघ नियुक्ति वृति (Ogh Niyukti Vriti)
- (II) दस वैकालिका सूत्र चूर्णि (Das Vaikalika Sutra Churni)
राजस्थान की चित्रकला का भौगोलिक एवं सांस्कृतिक आधार पर विभाजन (Division of Painting of Rajasthan on Geographical and Cultural Basis)-
- भौगोलिक एवं सांस्कृतिक आधार पर राजस्थान की चित्रकला को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है। जैसे-
- 1. मेवाड़ चित्रकला (Mewar Painting)- चांवड या उदयपुर, देवगढ़, नाथद्वारा
- 2. मारवाड़ चित्रकला (Marwar Painting)- जोधपुर, बीकानेर, किशनगढ़, नागौर, अजमेर, जैसलमेर
- 3. ढूँढाड़ चित्रकला (Dhundhar Painting)- आमेर या जयपुर, अलवर, शेखावाटी (जयपुर रियासत का ठिकाना), उणियारा (जयपुर रियासत का ठिकाना)
- 4. हाड़ौती चित्रकला (Hadoti Painting)- बूंदी, कोटा
1. मेवाड़ चित्रकला (Mewar Painting)-
- मेवाड़ चित्रकला के भाग (Parts of Mewar Painting)-
- (I) चावंड चित्रकला या उदयपुर चित्रकला (Chanwar Painting or Udaipur Painting)
- (II) देवगढ़ चित्रकला (Deograh Painting)
- (III) नाथद्वारा चित्रकला (Nathdwara Painting)
2. मारवाड़ चित्रकला (Marwar Painting)-
- मारवाड़ चित्रकला के भाग (Parts of Marwar Painting)-
- (I) जोधपुर चित्रकला (Jodhpur Painting)
- (II) बीकानेर चित्रकला (Bikaner Painting)
- (III) किशनगढ़ चित्रकला (Kishangarh Painting)
- (IV) नागौर चित्रकला (Nagaur Painting)
- (V) अजमेर चित्रकला (Ajmer Painting)
- (VI) जैसलमेर चित्रकला (Jaisalmer Painting)
3. ढूँढाड़ चित्रकला (Dhundhar Painting)-
- ढूंढाड़ चित्रकला के भाग (Parts of Dhundhar Painting)-
- (I) आमेर चित्रकला (Amer Painting) या जयपुर चित्रकला (Jaipur Painting)
- (II) अलवर चित्रकला (Alwar Painting)
- (III) शेखावाटी चित्रकला (Shekhawati Painting)
- (IV) उणियारा चित्रकला (Uniara Painting)
4. हाड़ौती चित्रकला (Hadoti Painting)-
- हाड़ौती चित्रकला के भाग (Parts of Hadoti Painting)-
- (I) बूंदी चित्रकला (Bundi Painting)
- (II) कोटा चित्रकला (Kota Painting)
राजस्थानी चित्रकला की विशेषताएँ (Features of Rajasthani Painting)-
- राजस्थान की चित्रकला में विषयवस्तु, वर्ण तथा लोक जीवन की विविधता दिखाई देती है तथा यह देश, काल एवं परिस्थितियों के अनुकूल है।
- राजस्थान की चित्रकला में प्रकृति का मानवीकरण दिखाई देता है। जैसे- बारहमासा
- राजस्थान की चित्रकला में मुख्य आकृति तथा पृष्ठभूमि में सामंजस्य दिखाई देता है।
- राजस्थान की चित्रकला में चटकीले रंगों का प्रयोग अधिक किया गया है।
- राजस्थान की चित्रकला में सामन्ती प्रभाव दिखाई देता है। जैसे- शिकार के दृश्य
- राजस्थान की चित्रकला में मुगल प्रभाव अधिक दिखाई देता है। जैसे- पारदर्शी कपड़े, हासिये का चित्रण
- राजस्थान की चित्रकला में महलों तथा हवेलियों में भित्ति चित्रण अधिक किया गया था।
- राजस्थान की चित्रकला में मंदिरों तथा मठों में धार्मिक चित्रण अधिक किया गया था। जैसे- पिछवाई
- राजस्थान की चित्रकला में महिला सौंदर्य का चित्रण अधिक किया गया था।
- राजस्थान की चित्रकला में प्रकृति का चित्रण अधिक किया गया था।
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