गंगा नदी (Ganga River)- गंगा अपवाह तंत्र (Ganga Drainage System)- (भारत की प्रमुख नदियां)
- लम्बाई (Length)- गंगा नदी की भारत में कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर है।
- जलग्रहण क्षेत्र (Catchment Area)-
- (I) गंगा नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 10.6 वर्ग किलोमीटर है।
- (II) गंगा नदी का भारत में कुल जलग्रहण क्षेत्र 8.6 वर्ग किलोमीटर है।
- उद्गम (Origin)- गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड (Uttarakhand) के देव प्रयाग (Dev Prayag) नामक स्थान पर अलकनंदा (Alaknanda River) व भागीरथी नदियों (Bhagirathi River) के संगम से होता है।
- विशेषताएं-
- गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है। (Longest River in India)
- गंगा नदी भारत के सबसे बड़े अपवाह तंत्र का निर्माण करती है। (Formation of India's Largest Drainage System)
- भागीरथी नदी (Bhagirathi River) तथा उसकी सहायक भिलांगना नदी (Bhilangana River) के संगम पर टिहरी बाँध (Tehri Dam) स्थित है।
- टिहरी बांध भारत का सबसे उच्च बांध है।
- हरिद्वार (Haridwar) में गंगा नदी मैदानों में प्रवेश करती है।
- वितरिका (Distributary)- हुगली नदी (Hugli River) गंगा नदी की वितरिका है।
गंगा नदी की सहायक नदियां (Tributaries of Ganga River)-
- (अ) गंगा नदी के दायीं ओर की सहायक नदियां (Right Side Tributaries of Ganga River)
- (ब) गंगा नदी के बायीं ओर की सहायक नदियां (Left Side Tributaries of Ganga River)
(अ) गंगा नदी के दायीं ओर की सहायक नदियां (Right Side Tributaries of Ganga River)-
- (I) यमुना नदी (Yamuna River)
- (II) सोन नदी (Son River)
- (III) पुनपुन नदी (Punpun River)
(ब) गंगा नदी के बायीं ओर की सहायक नदियां (Left Side Tributaries of Ganga River)-
- (I) रामगंगा नदी (Ramganga River)
- (II) गोमती नदी (Gomti River)
- (III) घाघरा नदी (Ghaghra River)
- (IV) गंडक नदी (Gandak River)
- (V) बूढी गंडक नदी (Burhi Gandak River or Budhi Gandak River)- नेपाल से उद्गम
- (VI) कोसी नदी (Kosi River)
- (VII) महानंदा नदी (Mahananda River)
पंच प्रयाग (Panch Prayag)-
- निम्नलिखित 5 प्रयागों को सम्मिलित रूप से पंच प्रयाग कहते हैं।
- 1. देवप्रयाग (DevPrayag)- उत्तराखंड
- 2. नंदप्रयाग (Nandaprayag)- उत्तराखंड
- 3. कर्णप्रयाग (Karnaprayag)- उत्तराखंड
- 4. रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)- उत्तराखंड
- 5. विष्णुप्रयाग (Vishnuprayag)- उत्तराखंड
- विष्णुप्रयाग को जोशी मठ भी कहते हैं।
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