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प्रभावी नियामक की समस्या (Problem of Effective Regulator)

प्रभावी नियामक की समस्या (Problem of Effective Regulator) या (Problem of Regulatory Effectiveness)-

  • प्रभावी नियामक की समस्या से तात्पर्य नियामक संस्थाओं के द्वारा बनाए गए नियामक मानकों के क्रियान्वयन में कमी या उनका उचित अनुपालन नहीं होने से है।


प्रभावी नियामक की समस्या का कारण (Cause of Problem of Effective Regulator)-

  • किसी भी देश में प्रभावी नियामक की समस्या निम्न कारणों से होती है।-
  • 1. प्रभावी नियामक मानकों का अभाव। (Lack of effective regulatory standard)
  • 2. नियमों का अप्रभावी क्रियान्वयन। (Ineffective implementation of rules)
  • 3. नियमों के क्रियान्वयन में राजनीतिक हस्तक्षेप। (Political interference in the implementation of the rules)
  • 4. अंतरराष्ट्रीय दबाव में घरेलू नियामक संस्था प्रभावी कदम नहीं उठा पाती है। (The domestic regulatory body is unable to take effective steps under international pressure)
  • 5. विशेषज्ञों व पेशेवरों का अभाव। (Lack of experts and professionals)
  • 6. कई नियामक संस्थाओं को वैधानिक दर्जा न मिल पाना। (Failure to get statutory status for many regulatory bodies)
  • 7. विभिन्न नियामक संस्थाओं को पर्याप्त शक्तियां ना मिल पाना। (Lack of adequate powers to various regulatory bodies)
  • 8. नियामक संस्थाओं में भ्रष्टाचार होना। (Corruption in regulatory bodies)


प्रभावी नियामक की जरूरत (Need for Effective Regulator)-

  • प्रभावी नियामक की जरूरत निम्न कारणों से होती है। (An effective regulator is needed because of the following reasons)-
  • 1. बाजार की विफलता को रोकने हेतु (To prevent market failure)
  • 2. जनहित को बढ़ावा देने हेतु। (To promoting public interest)
  • 3. गैर प्रतिस्पर्धी व्यवहारों को नियंत्रित करने तथा निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए। (To control non competitive practices and ensure fair competition)


1. बाजार की विफलता को रोकने हेतु (To prevent market failure)-

  • बाजार की विफलता, बाजार में एकाधिकार के कारण होती है।

  • जब एक कंपनी बाजार को नियंत्रित कर रही होती है तब सरकार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का काम करती है तथा गैर प्रतिस्पर्धी गतिविधियों पर रोक लगाती है। जैसे- सेबी (SEBI), ट्राई (TRAI), आईआरडीए (IRDA) तथा आरबीआई (RBI) सरकार की ओर से नियामक संस्था (Regulatory Body) के तौर पर काम करते हैं।


2. जनहित को बढ़ावा देने हेतु। (To promoting public interest)-

  • सभी आर्थिक गतिविधियों में जनहित को बढ़ावा देना चाहिए। जैसे- जीवन स्तर में सुधार (Betterment in the standard of living), संसाधनों का उचित वितरण और पहुंच (fair distribution and access to resources) आदि।


प्रभावी नियामक के लाभ (Benefits of Effective Regulator)-

  • 1. प्रभावी नियामक के संसाधनों का अनुचित उपयोग रुकता है। (An effective regulator prevents abuse of resources)
  • 2. कानून व प्रशासनिक तंत्र प्रभावी तरीके से काम कर पाता है। (It makes the law and administrative system work effectively)
  • 3. निजी क्षेत्र की मनमानी पर रोक लगती है। (The arbitrariness of the private sector is restricted)
  • 4. उपभोक्ताओं व नागरिकों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति की प्राप्ति होती है। (The loss caused to consumers and citizens is compensated)
  • 5. निजी कंपनियों व व्यापारियों के शोषण से मुक्ति मिलती है। (Check on the exploitation of private companies and traders)
  • 6. प्रभावी नियामक संबंधित क्षेत्र में होने वाले घपले-घोटालों पर रोक लगाते हैं। (Effective regulators check scams in the relevant sector)
  • 7. जन कल्याण सुनिश्चित होता है। (Public welfare is ensured)
  • 8. बाजार की विफलता नहीं होती है। (Market failure does not happen)


भारत में प्रमुख नियामक संस्थाएं (Major Regulatory Bodies in India)-

  • 1. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India/ SEBI)
  • 2. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI)
  • 3. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India- CCI)
  • 4. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI)
  • 5. भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Advertising Standards Council of India- ASCI)
  • 6. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission- NMC)
  • 7. पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority- PFRDA)
  • 8. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI)
  • 9. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standard Authority of India- FSSAI)
  • 10. नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation- DGCA)
  • 11. भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (Higher Education Commission of India- HECI)


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